₹300.00
MRPGenre
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Sanskar Prakashan
Publication date
1 January 2014
Weight
200 Gram
श्रीमान यशवंतराव महाले के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में उनकी स्वरचित १०८ बंदिशें प्रकाशित की है। उनकी बंदिशोंसे यह अनुभव होता है की उनकी काव्य कल्पना बहुत ही तरल थी तथा हिंदी भाषा पर उनका प्रशंसनीय अधिकार था। साथ ही साथ रागों के बारेमें उनके विचार पारम्पारिक तत्व के अनुसार है क्यों के उन्हें पं. गोविन्द नारायण नातू, पद्मभूषण आचार्य श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर तथा पं. के. जी. गिंडे जैसे गुनीजाणों का और विद्वानों का प्रदीर्घ सहवास एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
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