Shrimad Valmikiya Ramayan

By Maharshi Valmiki

Shrimad Valmikiya Ramayan

By Maharshi Valmiki

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Specifications

Print Length

1184 pages

Language

Sanskrit

Publisher

Gita Press

Publication date

1 January 2015

Weight

1935 Gram

Description

त्रेतायुग में महर्षि वाल्मीकि के श्रीमुख से साक्षात वेदों का ही श्रीमद्रामायण रूप में प्राकट्य हुआ, ऐसी आस्तिक जगत की मान्यता है। अतः श्रीमद्रामायण को वेदतुल्य प्रतिष्ठा प्राप्त है। धराधाम का आदिकाव्य का होने से इस में भगवान के लोकपावन चरित्र की सर्वप्रथम वाङ्मयी परिक्रमा है। इसके एक-एक श्लोक में भगवान के दिव्य गुण, सत्य, सौहार्द्र, दया, क्षमा, मृदुता, धीरता, गम्भीरता, ज्ञान, पराक्रम, प्रज्ञा-रंजकता, गुरुभक्ति, मैत्री, करुणा, शरणागत-वत्सलता-जैसे अनन्त पुष्पों की दिव्य सुगन्ध है। हिन्दी अनुवाद सहित, सचित्र, सजिल्द।


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