₹80.00
MRPPrint Length
250 pages
Language
Hindi
Publisher
Gita Press
Publication date
1 January 2015
Weight
650 Gram
दुर्गासप्तशती हिन्दू-धर्म का सर्वमान्य ग्रन्थ है। इसमें भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ अनेक गूढ़ रहस्य भरे हैं। सकाम भक्त इस ग्रन्थ का श्रद्धापूर्वक पाठ करके कामनासिद्धि तथा निष्काम भक्त दुर्लभ मोक्ष प्राप्त करते हैं। इस पुस्तक में पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्णविधि, मूल पाठ, दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना, सिद्धिकुञ्जिकास्तोत्र, पाठ के विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है। The Shri-Durga-Saptshati is well accepted religious text of Hindu religion. Shri-Durga-Saptshati is full of religious mystery with blessed story of goddess Bhagavati. The devotees recite this book with great reverence and attain their desired goal. The book contains the procedure of reciting it along with Kavach, Argala, Kilak, Vaidik and Tantrik Ratri-Sukta, Devyatharva-Shirsh, Navarna-Vidhi, original text, Durgashtottaranam-Stotra, Sri Durga-Manas worship, all the three Rahasyas (secrets), prayer of pardon (Kshama-Prarthna), Siddhi-Kunzika-Stotra and Aarti.
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