₹175.00
MRPGenre
Print Length
175 pages
Language
Hindi
Publisher
Manjul Publication
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788183225694
Weight
275 Gram
विकास नियम
आत्मविकास द्वारा संतुष्टि पाने का राज़
बनाएँ विकास नियम को अपना आदर्श
विकास नियम हमारे चारों ओर काम कर रहा है I फिर चाहे वह शरीर का विकास हो, बुद्धि का विकास हो, शहर या देश एक विकास हो I यह नियम तो एक बुनियादी नियम है; यह पूर्णता की चाहत है I आइए, इस पुस्तक द्वारा विकास नियम को अपना आदर्श बना लें और विकास की नई ऊँचाइयों को छू लें I
विकास नियम हर इंसान और वस्तु में छिपी संभावनाओं को प्रकट करने का नियम है I यह आपकी संपूर्ण संतुष्टि की चाहत को पूरा करता है I इस नियम के ज़रिए आप जान सकते हैं कि :
• विकास नियम का महामंत्र क्या है
• विकास कि शुरुआत कैसे और कहाँ से करें
• विकास का विकल्प कैसे चुनें
• विकास पर सदा अपनी नज़र कैसे टिकाए रखें
• आत्मविकास के स्वामी कैसे बनें
• इंसान की अंतिम विकास अवस्था क्या है
• स्वयं को और अपने मन की बनाई गई सोच को कैसे जानें
विकास नियम के पन्नों में ऐसी हे कई बातों के सरल जवाब छिपे हैं, इन्हें पढ़ना शुरू करें - आज से, अभी से ...
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