₹175.00
MRPGenre
Romance
Print Length
175 pages
Language
Hindi
Publisher
Manjul Publication
Publication date
1 January 2017
ISBN
9780143429821
Weight
275 Gram
काश प्यार सोच-समझ कर किया जा सकता,
या फिर कभी किसी को प्यार होता ही नहीं -
तो जिंदगी कितनी आसान होती!
'मुझे कभी प्यार-व्यार नहीं होगा,' वः अपने आप से कहती रहती. पर अंदर ही अंदर, किसी भी और लड़की की तरह, वह भी चाहती थी कि कोई उसे प्यार करे. ज़िन्दगी कि वास्तविकता से उसने समझौता कर ही लिया था कि अचानक एक दिन बिन बताए, बिन बुलाए उसका प्यार उसके सामने आ खड़ा हुआ!
प्यार की फितरत ही ऐसी है - वह किसी से इजाज़त नहीं लेता और ऐसे ही बिन बुलाए, बिना किसी आहट के ज़िन्दगी में आ धमकता है.
प्यार से रूबरू होने पर उसने खुद से पुछा, 'क्या यही मेरा प्यार है? क्या यही प्यार मेरे लिए सही है?' इस सवाल का जवाब आसान नहीं है ..न कभी था और न कभी होगा.
यह मर्मस्पर्शी प्रेम-कथा रिश्तों के बारे में आपकी हर धारणा को झकझोर कर रख देगी l
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