Manak Hindi Ka Swaroop (मानक हिंदी का स्वरुप)

By Bhola Nath Tiwari (भोलानाथ तिवारी)

Manak Hindi Ka Swaroop (मानक हिंदी का स्वरुप)

By Bhola Nath Tiwari (भोलानाथ तिवारी)

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Specifications

Genre

Language

Print Length

210 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2011

ISBN

8173151644

Weight

335 Gram

Description

हिंदी एक समर्थ भाषा है| उसका साहित्य भी संपन्न है, अब तो वह और भी संपन्न होता जा रहा है, किंतु अभी तक हिंदी भाषा का मानक रूप स्थिर नहीं हो पाया है| यही कारण है कि उच्‍चारण, वर्तनी, लेखन, रूपरचना, वाक्यगठन और अर्थ आदि सभी क्षेत्रों में पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों, भाषणों एवं बातचीत में अमानक प्रयोग प्राय: मिलते हैं| इसी समस्या पर व्यापक रूप से विचार करने के उद‍्देश्य से यह पुस्तक लिखी गई है|
प्रारंभ में मानक भाषा और उसके प्रकारों को लिया गया है, ताकि मानक हिंदी को ठीक परिप्रेक्ष्य में समझा जा सके| किसी भाषा की मानकता-अमानकता काफी कुछ उसकी बेलियों से जुड़ी होती है, अत: हिंदी के क्षेत्र और उसकी बोलियों को लेना पड़ा है| फिर हिंदी के मानकीकरण का इतिहास देते हुए हिंदी में नागरी लिपि और अंकों, हिंदी के संख्यावाचक शब्दों, हिंदी उच्चारण, हिंदी संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा क्रिया विशेषण के रूपों, हिंदी वाक्य-रचना, हिंदी में प्रयुक्‍त शब्दों और उनके अर्थ, हिंदी की प्रयुक्‍त‌ियों तथा शैलियों आदि पर मानकता की दृष्‍ट‌ि से विचार किया गया है| अंत में परिशिष्‍ट में मानक-अमानक प्रयोगों के कुछ उदाहरण हैं|
इस प्रकार प्रस्तुत पुस्तक में हिंदी भाषा के मानक स्वरूप पर अपेक्षित विस्तार से प्रकाश डाला गया है| यह पुस्तक हिंदी भाषा और भाषा-विज्ञान में रुचि रखनेवाले लेखकों, संपादकों, पाठकों और विद्यार्थियों आदि सभी वर्ग के लोगों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है|


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