Hindi Bhasha: Vikas Aur Swaroop (हिंदी भाषा: विकास और स्वरुप)

By Kailash Chandra Bhatia (कैलाश चन्द्र भाटिया)

Hindi Bhasha: Vikas Aur Swaroop (हिंदी भाषा: विकास और स्वरुप)

By Kailash Chandra Bhatia (कैलाश चन्द्र भाटिया)

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Specifications

Genre

Reference

Print Length

240 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2014

ISBN

8185826919, 9788193295694

Weight

340 Gram

Description

हिंदी के ऐतिहासिक संदर्भ में जहाँ अपभ्रंश, अवहट्ट और पुरानी हिंदी महत्त्व है वहीं उसके स्वरूप-निर्धारण में उसकी उपभाषाओं-बोलियों का, विशेष रूप से ब्रजभाषा और अवधी का, अप्रतिम महत्त्व है| हिंदी की प्रमुख बोलियों और उनके पारस्परिक संबंध पर भी विवेचन प्रस्तुत किया गया है| हिंदी भाषा के मानकीकरण की समस्या भी है| प्रयोग क्षेत्र में हिंदी की कोई समानता नहीं है, जिसको हिंदी क्रियाओं के विविध प्रयोगों को लेकर प्रस्तुत किया गया है| इससे दो प्रयोगों में सूक्ष्म अंतर स्पष्‍ट हो सकेगा| शुद्ध हिंदी लिखने के लिए हिंदी व्याकरण के प्रमुख नियमों का ज्ञान भी आवश्यक है| अपनी ‌अभिव्यक्‍त‌ि का रंग-रूप निखारने के लिए व्याकरणसम्मत भाषा का प्रयोग अच्छा रहता है| पुस्तक की विषय-वस्तु बहुत सरल तथा सहज भाषा में प्रस्तुत की गई है, जिससे हिंदी भाषा के जिज्ञासु उससे अधिकाधिक लाभान्व‌ित हो सकें|


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