Sankshepan Aur Pallavan (संक्षेपण और पल्लवन)

By Tuman Singh (तुमन सिंह)

Sankshepan Aur Pallavan (संक्षेपण और पल्लवन)

By Tuman Singh (तुमन सिंह)

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Specifications

Genre

Other

Print Length

195 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2011

ISBN

8173152241, 9789352666690

Weight

275 Gram

Description

सूचना विस्फोट के इस दौर में अधिक- से- अधिक सूचनाओं को हथियाने की जबरदस्त होड़ लगी है | इन सूचनाओं को बटोरकर रखने के इस प्रौद्योगिकी और इलेक्‍ट्रॉनिकी युग में कई साधन उपलब्ध हैं | एक ओर तो अधिकाधिक सूचनाओं प्राप्‍त करने की लालसा बलवती हो है और दूसरी ओर मानव की व्यस्तता में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही | इसका निराकरण कैसे हो? संक्षेपण कला के विकास का उत्स यही है | हमारे यहाँ ' गागर में सागर ' भरने की प्रवृत्ति पहले से ही विद्यमान है | अत: इस ओर ध्यान जाना स्वाभाविक है | सूत्र रूप में लिखी या कही गई बात के गर्भ में भाव और विचारों का एक पुंज छिपा होता है | विद्वान् जन एक पंक्‍त‌ि पर घंटों बोल लेते हैं और कई बार तो एक पूरी पुस्तक ही रच डालते हैं | यही कला ' पल्लवन ' कहलाती है | इस पुस्तक में इन दोनों पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है | आदर्श नमूने भी दिए गए हैं और अभ्यास के लिए पर्याप्‍त अवतरण तथा सूक्‍त‌ियाँ भी | यह पुस्तक केवल विद्यालयों और विश्‍व- विद्यालयों के छात्रों का हित ही नहीं करेगी, बल्कि प्रशासन से जुड़े अधिकारियों, कर्मियों, विभिन्न स्तर के अध्यापकों और राज्य सरकारों, केंद्र सरकार या अन्य संगठनों द्वारा आयोजित की जानेवाली विविध प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्‍ट‌ि से भी इस पुस्तक का अप्रतिम महत्त्व है |


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