₹400.00
MRPGenre
Novels And Short Stories, Humor
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789380186627
Weight
330 Gram
इस मुल्क में सब ठीक चल रहा है| नेतागीरी, भाईगीरी, दादागीरी, गुंडागर्दी, चंदा-उगाही चल रही है| माफियागीरी चल रही है| गांधीगीरी-अन्नागीरी चल रही है| तरह-तरह के बेमेल खेल और खिचड़ी गठबंधन चल रहे हैं| हवाला, घोटाला, भ्रष्टाचार चल रहे हैं| अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं| ट्वेंटी फोर आवर बे-लगाम चैनल चल रहे हैं| संसद् से पंचायतों तक जुबानें चल रही हैं| राजपथों पर चमचमाती कारें चल रही हैं| सरकारें चल रही हैं| आतंकवाद चल रहा है| बयानबाजियाँ चल रही हैं| जूता-लात चलाते हुए जो जहाँ पर भी है, सब अपना धंधा चालू किए पड़े हैं| ऐसे ही तमाम चुटीले सूत्र-वाक्यों से भरा पड़ा है-सूर्यकुमार पांडेय का यह व्यंग्य संग्रह 'अपने यहाँ सब चलता है'|
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