₹400.00
MRPGenre
Humor
Print Length
316 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
8173153485
Weight
345 Gram
किसी भूले को ढब्बूजी राह बताते हैं तो किसी हारे को जीने की शक्ति भी देते हैं| लेकिन उनमें सबसे बड़ा गुण यह है कि वह जात-पाँत, ऊँच-नीच के भेदभाव नहीं मानते| यही कारण है कि ढब्बूजी के चाहनेवाले कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और भारत से लेकर अमेरिका, रूस, चीन तक फैले हुए हैं| इन लाखों प्रशंसकों में एक आप भी हैं| ढब्बूजी का आपको सलाम -आबिद सुरती
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