₹150.00
MRPGenre
Print Length
108 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
8188140562
Weight
240 Gram
अपने विशिष्ट गुणों के कारण बीरबल ने अकबर के नवरत्नों में अपना स्थान बनाया| आमतौर पर बीरबल को हँसोड़, चुटकुलेबाज और मजाकिया व्यक्ति के रूप में जाना जाता है| परंतु बीरबल मूलत: कवि थे और 'ब्रह्म' नाम से काव्य-रचना किया करते थे| उनमें विपुल सृजनात्मक प्रतिभा और क्षमता थी, जिसके चलते उन्होंने 'गीता' का फारसी भाषा में अनुवाद भी किया|
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि बीरबल को 'राजा' और 'बीरबल' की उपाधियाँ तो बाद में मिलीं, पर सबसे पहले अकबर जैसे सम्राट् ने उनको 'कविराय' की उपाधि से विभूषित किया|
प्रस्तुत पुस्तक में राजा बीरबल के साहित्यिक स्वरूप व उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है| इससे सुधी पाठक राजा बीरबल के समग्र रूप का दिग्दर्शन कर अपना ज्ञानवर्धन कर सकेंगे|
0
out of 5