₹500.00
MRPGenre
Print Length
216 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789380823294
Weight
390 Gram
भारत की प्रथम महिलाएँ-आशा रानी व्होरादूसरों की बनाई राह पर तो सभी चलते हैं| परंपराओं की गिट्टियाँ तोड़, रूढ़ियों के काँटे बीनते हुए नई पगडंडी तैयार करना सचमुच बड़े साहस और जोखिम का काम होता है| भारतीय नारी की मुक्ति और उसे वर्तमान स्तर पर लाने के लिए न जाने कितनी स्त्रियों ने यह जोखिम उठाया है| एक-एक पगडंडी तैयार करने के लिए वर्षों-वर्षों के अंतराल से एक-एक कदम उठा, ठिठका, लड़खड़ाया, फिर सँभलकर दृढ़ता से गति पकड़ता गया|
यह जानने की जिज्ञासा स्वाभाविक है कि कौन थीं वे अग्रणी महिलाएँ? कौन सी थीं वे राहें? किसने, किस तरह, किस नई राह को चुना या उसका निर्माण किया? यह पुस्तक इस जिज्ञासा का समाधान ही नहीं, उन महती विभूतियों के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि भी है, जिन्होंने रूढ़ि तोड़, अपने अद्भुत साहस का परिचय दे किसी भी क्षेत्र में 'पहल' की है|
जब कभी किसी महिला ने किसी क्षेत्र में पहल की-वह प्रथम विमान-चालिका बनी, प्रथम आई.पी.एस., प्रथम जज या प्रथम विधायक, तब समाचार-पत्रों ने एक समाचार प्रकाशित किया, कभी चित्र भी-और फिर लोग भूल गए|
प्रस्तुत प्रेरणाप्रद पुस्तक में भारत की उन निडर, अडिग और अग्रणी महिलाओं की संघर्ष-यात्रा को अत्यंत रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है| निश्चय ही हर आयु वर्ग के पाठकों, विशेषकर महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी एवं पठनीय पुस्तक|
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