₹250.00
MRPGenre
Novels And Short Stories, Literature
Print Length
202 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
8173150303
Weight
400 Gram
अमीर खुसरो फरसी, अरबी, तुर्की, संस्कृत तथा हिंदी के विद्वान् थे| उनका मूल नाम अबुल हसन था| 'खुसरो' उनका उपनाम था, जो आगे चलकर इतना चर्चित हुआ कि लोग उनका असली नाम ही भूल गए| जलालुद्दीन खिलजी ने उनकी कविता से प्रसन्न होकर उन्हें 'अमीर' का खिताब दिया, तब से वे 'अमीर खुसरो' कहे जाने लगे| खुसरो ने दस वर्ष की उम्र में ही काव्य-रचना शुरू कर दी थी| उन्होंने दर्शन, धर्मशास्त्र, इतिहास, युद्धविद्या, व्याकरण, ज्योतिष, संगीत आदि का गहन अध्ययन किया| उनकी पुस्तक 'लैला मजनू' से पता चलता है कि उनकी एक पुत्री तथा तीन पुत्र थे| खुसरो में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था| उन्हें अपनी मातृभूति भारत पर बड़ा गर्व था| उन्होंने एक स्थान पर कहा है-'मैं हिंदुस्तान की तूती हूँ| अगर तुम वास्तव में मुझसे जानना चाहते हो तो हिंदवी में पूछो, मैं तुम्हें अनुपम बातें बता सकूँगा|' खुसरो ने कई लाख शेर लिखे| इनकी कृतियों की संख्या 99 बताई जाती है, परंतु अभी तक 45 कृतियों का ही पता चला है| अमीर खुसरो एक बहुत अच्छे गायक और संगीतशास्त्रा् भी थे| संगीत के वाद्य और गेय दोनों ही क्षेत्रों में इनका योगदान रहा है| कई भाषाओं के प्रकांड विद्वान् और आपसी सद्भाव के प्रतीक अमीर खुसरो के जीवन-प्रसंग और उनके रचना-संसार से परिचित करानेवाली अनुपम पुस्तक|
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