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Ajneya : Vichar Ka Swaraj (अज्ञेय: विचार का स्वराज)

Price: ₹ 250.00

Condition: New

Isbn: 8188266868

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,

Publishing Date / Year: 2010

No of Pages: 183

Weight: 340 Gram

Total Price: 250.00

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आधुनिक हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के इतिहास में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' का नाम अविस्मरणीय है| हिंदी साहित्य की सभी आधुनिक विधाओं पर उनकी लेखनी की अमिट छाप है| बीसवीं शताब्दी के हिंदी साहित्य में अज्ञेय की शीर्ष स्थानीयता को लेकर सभी विवाद लगभग ठंडे पड़ गए हैं| वे उन बिरल भारतीय रचनाकारों में रहे हैं जो बीसवीं सदी कीं भारतीय संस्कृति, परंपरा, आधुनिकता और आत्म-बोध की बुनियादी समस्याओं पर एकाग्रभाव से अपने सृजन और चिंतन को संबोधित करते हैं| अज्ञेय ने भारतीयता, सामाजिकता, आत्मबोध, आत्मान्वेषण और आधुनिकता-इन पाँचों को एक विलक्षण ढंग से साधा है| वे एक गहरे और सार्थक अर्थ में ऐसे सर्जक और चिंतक हैं, जिनके बारे में यह दावे से कहा जा सकता है कि वे नई प्रतिभाओं को प्रेरणा देते रहे हैं साथ ही परंपरा की तमाम चुनौतियों को झेलकर उसका नया भाष्य वे प्रस्तुत करते हैं| भारतीयता को पुन:-पुन: परिभाषित करते हुए उसे नया अर्थ-संदर्भ देते हैं| अज्ञेय को कष्ट रहा है कि 'सारा देश एक टुकड़खोर जिंदगी जी रहा है-क्या राजनीति में, क्या शिक्षा में, क्या संस्कृति में, क्या धर्म में, ऐसे में सृजनशीलता कैसी? नियतिबोध होगा, तभी आत्मविश्वास होगा, तभी सृजन की संभावना भी|' अज्ञेय के रचनाकर्म और सृजनात्मकता के विविध आयामों का बेबाक विवेचन करती वरिष्ठ समालोचक प्रो. कृष्णदत्त पालीवाल की एक पठनीय कृति|