Logo

  •  support@imusti.com

Chandragupta Maurya (चंद्रगुप्त मौर्य)

Price: ₹ 350.00

Condition: New

Isbn: 9789380183947

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,History,

Publishing Date / Year: 2014

No of Pages: 133

Weight: 280 Gram

Total Price: 350.00

    0       VIEW CART

आज से लगभग 2300 वर्ष पहले मगध पर घनानंद नामक एक कुटिल और क्रूर शासक का राज्य था| वह बात-बात पर लोगों को फाँसी दे देता था| ऐसे निरंकुश शासक ने जब चाणक्य नाम के एक विद्वान् का अपमान किया तो उसने नंद को समूल नष्ट करने का प्रण ले लिया| बालक चंद्रगुप्त भी नंद का सताया हुआ था, वह भी येन-केन-प्रकारेण नंद से प्रतिशोध लेना चाहता था| अनायास ही चाणक्य और चंद्रगुप्त की भेंट हो गई| चाणक्य ने चंद्रगुप्त को कडे़ अनुशासन में रखकर अस्त्र-शस्त्र के ज्ञान के साथ राजनीति की शिक्षा भी दी| अनुकूल अवसर मिलते ही चंद्रगुप्त ने घनानंद पर हमला कर दिया और उसका समूल नाश करके मौर्य साम्राज्य की स्थापना की| मौर्य साम्राज्य पूर्व में बंगाल की खाड़ी से पश्चिम में अरब सागर तक फैला था| उत्तर में चंद्रगुप्त के राज्य की सीमा दक्षिणी अफगानिस्तान और ईरान तक फैली थी| उसने वृहद् भारत पर एकच्छत्र अनुकरणीय राज्य किया| जीवन के उत्तरार्ध में अपने पुत्र बिंदुसार को राज्य सौंपकर वह कर्नाटक में श्रवणबेलगोला चला गया और एक भिक्षुक के रूप में अपना जीवन बिताया| चंद्रगुप्त मौर्य का निर्लिप्त जीवन सचमुच अनुकरणीय है|