₹300.00
MRPGenre
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789383110230
Weight
285 Gram
प्रकाश मनु बच्चों के चहेते कवि- कथाकार हैं, जिनकी रचनाएँ बच्चे ढूँढ़-ढूँढ़कर पढ़ते हैं | ' किस्सा एक मोटी परी का ' उनकी बाल कहानियों का ताजा संग्रह है, जिसमें शीर्षक कथा के अलावा उनकी ' निक्का और तितली ', ' होमवर्क का चक्कर ', ' खुशी का जन्मदिन ', ' मखना के रंग-बिरंगे खरगोश ', ' बुद्धू का रिक्शा कमाल ', ' कितनी सुंदर है यह धरती ' सरीखी एक-से-एक मजेदार और रंग-बिरंगी कल्पनाओं से सजी कहानियाँ शामिल हैं |
पुस्तक की ' कितनी सुंदर है यह धरती ', ' किस्सा परी और पवन चक्की का ' तथा ' किस्सा एक मोटी परी का ' कहानियों में खुशदिल परियों की उपस्थिति सबको लुभा लेती है | इसलिए भी कि ये परियों कुछ निराली ही हैं, जिन्हें धरती की सुंदरता और यहाँ के सीधे-सरल इनसानों से बेइंतहा प्यार है | बार-बार वे उड़कर धरती की ओर आती हैं और यहाँ के बच्चों से दोस्ती करके घुमक्कड़ी और उछल-कूद करती हैं | बच्चों सरीखी इन नटखट परियों के अलावा कहीं समझदार चिडियाँ तो कहीं दयालु बौने बच्चों को मुसीबत में देखकर उनकी मदद करते हैं | और आखिर इन कहानियों से निकलकर वे बच्चों के दिलों में हमेशा-हमेशा के लिए नक्श हो जाते हैं |
सच तो यह है कि ' किस्सा एक मोटी परी का ' पुस्तक बच्चों के लिए एक-से-एक लुभावनी और दिलचस्प कहानियों का गुलदस्ता है | बच्चे इन्हें पढ़ेंगे, रीझेंगे, खिल-खिल हँसेंगे और अपने दोस्तों को भी ये रसपूर्ण और मजेदार कहानियाँ सुनाए बिना नहीं रहेंगे |
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