₹200.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
9789350481295
Weight
290 Gram
और फिर एक दिन हमारे हाउस मास्टर मि. फिशर के हाथ मेरी महान् साहित्यिक कृति 'नौ महीने’ लग गई, और वे उसे अपने साथ ले गए| जैसा उन्होंने बाद में बताया कि उन्होंने उसे आद्योपांत पढ़ा| चूँकि उन दिनों कॉरपोरल सजा का रिवाज था| बेंत से मेरी छह बार धुनाई हुई और मेरी पांडुलिपि फाड़कर मि. फिशर की रद्दी की टोकरी के हवाले कर दी गई|
¨
इस माया को तोडऩे के लिए राजकुमार को कुछ करना पड़ेगा, क्योंकि मा एंगे को इस बात से बहुत खीज हो रही थी कि उसका पति दिन में सर्प हो जाता है और रात में एक राजकुमार| उसने कहा कि उसे अच्छा लगता, यदि वह दिन में भी राजकुमार के रूप में रहता| अपनी माता की तरह उसमें भी व्यापार-क्षमता थी| उसी ने इस मायाजाल जादू को तोडऩे में मदद की|
¨
पर वह गलत था| हवाई जहाज बहुत नीचे उड़ रहे थे| जब मैंने ऊपर देखा तो जापानी फाइटर-प्लेन की भयानक छाया सूरज की रोशनी में दिखाई दी| अभी हम मुश्किल से पचास गज गए थे कि हमारे दाएँ हाथ के कुछ घरों के पीछे जोर से धमाका हुआ| इसके धक्के में हम साइकिल पर से सड़क पर चारों खाने चित गिर पड़े| इस धक्के से साइकिल वेग से दीवार से जा टकराई|
रस्किन बॉण्ड की लेखनी के कुछ रंग-बिरंगे मोतियों की माला है यह पुस्तक, जिसमें व्यंग्य, रहस्य-रोमांच और हिम्मत की रंगीन छटा सिमटी हुई है| सबको समान रूप से लुभानेवाली रोचक कहानियों का संकलन|
0
out of 5