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Kashiwas (काशीवास)

Price: ₹ 200.00

Condition: New

Isbn: 9789381063408

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,

Publishing Date / Year: 2012

No of Pages: 144

Weight: 305 Gram

Total Price: 200.00

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विद्या विंदु की चेतना अभिव्यक्‍ति जब भी कागजों पर उतरती है तो जीवन के अनेक जटिल गूढ़ अनुत्तरित प्रश्‍न इन इबारतों की सहज, सरल अर्थच्छवियों में गाँव-गलियारों, खेत-खलिहानों और कौटुंबीय रिश्ते-नातों में पसरे स्याह-सफेद पात्र ऐसे जीवंत हो उठते हैं कि जैसे हम उसी घर-आँगन के बाशिंदे हों, उन चरित्रों के संघर्ष और अंतर्द्वंद्वों के विचलनों के साथ| नारी-विमर्श के नाम पर पिछले डेढ़ दशक में जिस तरह का मांसल फॉर्मूला अपनाकर छवि गढऩे की होड़ मची हुई है, समकालीन कथा परिदृश्य में वह तलछट का आंशिक सत्य होते हुए भी संपूर्ण स्‍‍त्री-विमर्श की बुनियादी नीतियों की अनुपस्थिति का समाजशास्‍‍त्रीय विश्‍लेषण नहीं है, न उसके मर्म को उद‍्‍घाटित करता वह सच, जो चूल्हे में चैलों की जगह सुलगती उसकी हड्डियों का मर्म हो| स्‍‍त्री की अपराजेय जीवनशक्‍ति और उसकी चुनौतियों के मोर्चे पर सतत् सन्नद्ध रहने, झेलने, टूटकर पुन: उबरने के हौसलों और जुझारूपन की मिसालें वह नहीं अन्वेषित कर पा रहा है| कारण स्पष्‍ट है-अनुभवों के दायरे की सीमितता या अंतर्सत्य| नि:संदेह विद्या की सर्जना का क्षेत्र 65 प्रतिशत उस ग्रामीण भारत की स्थिति, मन:स्थिति और मानसिक सीमाओं का मनोवैज्ञानिक अतिक्रमण करता है, जिसकी जद में असली भारत और असली स्‍‍त्री की तसवीर का खाका अपनी प्राणवायु के लिए संघर्षरत है| विद्या उसी भारत की असली तसवीर उकेर रही हैं| इसीलिए हम रूबरू हो रहे हैं 'काशीवास’ के जुझारू नारी पात्रों से| मेरा आशीर्वाद है कि वह इसी तरह लिखती रहें| -चित्रा मुद‍्गल