Lieutenant Hudson (लेफ्टिनेंट हडसन)

By Ratneshwar K. Singh (रत्नेश्वर के. सिंह)

Lieutenant Hudson (लेफ्टिनेंट हडसन)

By Ratneshwar K. Singh (रत्नेश्वर के. सिंह)

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Specifications

Genre

History

Print Length

117 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2011

ISBN

9789380183336

Weight

250 Gram

Description

उस दिन घोड़े की लीद या गाय के गोबर पर भी अपचे अनाज के दाने नहीं मिले थे| बच्चे की भूख जब शोभन बरदाश्त नहीं कर सका, तब उसने हिम्मत कर लेफ्टिनेंट हडसन के रसोईघर से थोड़े से चने चुरा लिये थे, पर पिछले दरवाजे से निकलते हुए वह पकड़ा गया| लेफ्टिनेंट हडसन ने चोरी करने के जुर्म में शोभन के साथ आग का खेल खेला, अंगारों पर उसे अपने बच्चे को गोद में लेकर दौड़ाया गया|
हडसन चिल्लाया था, ‘क्यों बे सूअर, आग का खेल खेलेगा, तब खाना दूँगा|’
‘नहीं सरजी ई...|’ गोपू हाथ जोड़कर रोते हुए गिड़गिड़ाया, ‘मुझे खाना नहीं चाहिए सरजी...|’ हिचकियों के साथ कलपते हुए वह अपने बाबू को छोड़ देने की भीख माँग रहा था|
शोभन की आँखों से खून अब भी रिस रहा था| अब वह इस काबिल नहीं रहा कि अपने बच्चे के लिए ईश्वर से दुआ भी कर सके| उसे बहुत पीटा गया और पीटने के क्रम में बंदूक के वुंQदे से उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई| गरम सलाखों से उसकी दोनों आँखें भी फोड़ दी गइऔ| बस अब वह अंतिम साँसें गिन रहा था| कहते हैं, दुनिया का वह मजदूर सबसे अच्छा होता है, जिसे भूख नहीं लगती|
प्रस्तुत कहानियों में लेखक की कलम जमाने की नब्ज पर रही है, उसके तापमान का अंदाज लगा उसने बिना शिलाखंड को तराशे ही सारा जीवन-सच साकार कर दिया है| सामाजिक सरोकारों की ये कहानियाँ मनोरंजन से भरपूर और आtïादित कर देने वाली हैं|


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