₹350.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
176 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2020
ISBN
817721083, 9788177213928
Weight
330 Gram
कैसे जीते हैं लोग यहाँ? उफ, कब उद्धार होगा सभ्यता से कटे, ऊँघते कस्बे के इन लोगों का? सबसे बड़ी बात, उन्हें खुद नहीं मालूम कि वे कितने गए-गुजरे, अहमक किस्म के लोग हैं और दुनिया कितनी-कितनी आगे बढ़ गई है! यहाँ औरतें मर्तबानों को धूप-छाँह में सरकाती, पापड़ों को उलटती-पलटती और बेटियों की कसी-कसी चोटियाँ गूँथती इतनी-इतनी दुर्लभ जिंदगी काट जाती हैं| उफ, अपना तो सोचकर भी दम घुटता है| इतनी-इतनी नेमत से मिली जिंदगी सिर्फ कुछ अदद मर्तबानों में भरकर सील कर दी जाए, तेल चुपड़ी चोटियों के साथ गूँथ दी जाए! अपनी बिट्टा रानी भी बचपन में एक-दो बार ठुनकी तो थी लहरियादार लंबी चोटियों के लिए| तब समझाया-बेटे! तेरी मम्मी सिर्फ एक चूल्हे-चौकेवाली औरत तो है नहीं न; उसे कितनी गोष्ठियों, सेमिनारों, संस्थाओं की धुरी सँभालनी पड़ती है| वह सिर्फ तेरी चोटियाँ गूँथते तो जिंदगी नहीं बिता सकती न! बिट्टा मान गई| बाल कटने के बाद लच्छे-लच्छे देख हिलक के रोई जरूर तो क्या, एक ‘फाइव स्टार’ थमा दिया, फुसल गई|
-इसी पुस्तक से
अत्यंत सरस, मार्मिक एवं जीवंत कहानियाँ, जो पाठकों को स्पंदित करेंगी और उनकी संवेदना को छू जाएँगी|
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