Logo

  •  support@imusti.com

Garh Kundaar (गड कुंडार)

Price: ₹ 600.00

Condition: New

Isbn: 8173150737, 9789351868590

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,

Publishing Date / Year: 2016

No of Pages: 318

Weight: 575 Gram

Total Price: 600.00

    0       VIEW CART

मानवती के .हाथ में अग्निदत्त ने कमान दी और तीर अपने हाथ में लिया | दोनों के हाथ काँप रहे थे | अग्निदत्त का कंधा मानवती के कंधे से सटा हुआ था | सहसा मानवती की आँखों से आँसुओ की धारा बह निकली | मानवती ने कहा - '' क्या होगा, अंत में क्या होगा, अग्निदत्त?'' '' मेरा बलिदान?'' '' और मेरा क्या होगा? '' तुम सुखी होओगी | कहीं की रानी '' '' धिक्कार है तुमको! तुमको तो ऐसा नहीं कहना चाहिए | '' '' आज मुझे आँखों के सामने अंधकार दिख रहा है | ' ' मानवती की आँखों में कुछ भयानकतामय आकर्षण था | बोली - '' आवश्यकता पड़ने पर स्त्रियाँ सहज ही प्राण विसर्जन कर सकती हैं | '' अग्निदत्त ने उसके कान के पास कहा- '' संसार में रहेंगे तो हम -तुम दोनों एक -दूसरे के होकर रहेंगे और नहीं तो पहले अग्निदत्त तुम्हारी बिदा लेकर... | '' दलित सिंहनी की तरह आँखें तरेरकर मानवती ने कहा- '' क्या? आगे ऐसी बात कभी मत कहना | इस सुविस्तृत संसार में हमारे-तुम्हारे दोनों के लिए बहुत स्थान है | '' -इसी उपन्यास से