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Dharmatma Bibhishana (धर्मात्मा विभीषण)

Price: ₹ 250.00

Condition: New

Isbn: 9789380183848

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,

Publishing Date / Year: 2012

No of Pages: 176

Weight: 355 Gram

Total Price: 250.00

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‘रामायण’ के युद्ध कांड के 19वें सर्ग के 30वें श्‍लोक में आदिकवि वाल्मीकि ने विभीषण को ‘धर्मात्मा’ विशेषण से अभिहित किया है (एवमुक्‍तस्तु धर्मात्मा प्रत्युवाच विभीषण:)| विभीषण अपनी न्यायप्रियता, दृढ़ता, संकल्पशक्‍ति, समर्पणशीलता, सत्यपरकता आदि गुणों से इस ‘धर्मात्मा’ विशेषण को सार्थक करते हैं| यही उपन्यास का मूल कथ्य है| इस कृति में विभीषण कालीन पर्व, सामाजिक प्रथाएँ, खान-पान, पर्यावरण, शिल्पकला और लंका की बंद सामाजिक व्यवस्था को अनावृत करने का सफल प्रयत्‍न किया है| विभीषण का उज्ज्वल स्वरूप विद्यमान दिखाया है, क्योंकि इस पात्र ने सदा न्याय, औचित्य और सत्य का पक्ष ग्रहण किया| राजा, संबंधी और देशप्रेम की नैसर्गिक किंतु संकुचित सीमाओं से उनका आदर्श नियंत्रित नहीं रहा| आसुरी वातावरण में निरंतर संघर्ष करते हुए वे अंत तक धर्म का अवलंबन लेते रहे| गहन शोध पर आधारित श्री सुधीर निगम की यह अभिनव रोचक कृति पाठकों के लिए अतीत हो चुके पौराणिक कालखंड के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को समझने में सहायक सिद्ध होगी|