भ्रष्टाचार भारत की शासन प्रणाली में इस हद तक समाया हुआ है कि आम आदमी का प्रत्येक प्रशासनिक कार्य से विश्वास उठ चुका है| व्यापक तौर पर फैल चुकी इस भ्रष्टाचार रूपी बीमारी का इलाज केवल संपूर्ण तौर पर इस देश की राजनीति, जाँच व न्यायिक प्रणाली की कायापलट के द्वारा ही किया जा सकता है| हम अपने आस-पास आज जो कुछ भी देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं, मात्र लूट-बहुत बड़े स्तर पर मची हुई लूट-है| यह लूट इस सीमा तक है कि हम इसमें शामिल शून्यों की संख्या की गिनती भी नहीं कर सकते| और इस लूट का खुलासा कॉमनवैल्थ गेम्स में हुए घोटाले के खुलासे के साथ हुआ| इसने मेरे मन को भी विचलित कर दिया| मैंने भी सामूहिक तौर पर उठी उस आवाज का हिस्सा बनना आरंभ कर दिया, जो दिनोदिन बुलंद होती गई| कभी-कभी यह बिना दबाव के सम्मोहन व परिस्थितियों के वश में होकर बहुत तीखी भी हो गई| लेकिन इन सबका एकमात्र कारण था कि हमें सुचारु रूप से संचालित शासन प्राप्त हो, एक बेहतर भारत बने, जो हम सभी को समृद्ध और हमारी आनेवाली पीढ़ी को सुरक्षित बनाए| इस संकलन के पीछे भी यही मंशा है| यदि भ्रष्ट लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए एकजुट हो सकते हैं तो हम, जो उनके सताए हुए हैं, भ्रष्टाचार के इस सूर्य को अस्त करने के लिए एकजुट क्यों नहीं हो सकते? इसलिए, बदलाव लाएँ|
Bhrashtachar Bharat Chhodho (भ्रष्टाचार भारत छोडो)
Author: Kiran Bedi (किरण बेदी)
Price:
₹
300.00
Condition: New
Isbn: 9789350487341
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Other,
Publishing Date / Year: 2014
No of Pages: 152
Weight: 305 Gram
Total Price: ₹ 300.00
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