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Derewale (डेरेवाले)

Price: ₹ 300.00

Condition: New

Isbn: 9788177211108

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,

Publishing Date / Year: 2010

No of Pages: 248

Weight: 410 Gram

Total Price: 300.00

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“मालकिन, जितनी ही विराट् आत्मा होती है, उतनी ही बड़ी बुभुक्षा भी होती है| मालिक-मालकिनों को हमेशा कम, मगर नौकर-चाकरों को हमेशा ज्यादा भूख लगती है| जितना बड़ा यज्ञकुंड होता है, उतनी ही ज्यादा समिधाएँ लगती हैं| जितना ही बड़ा जिंदगी में दु:ख का नरक कुंड होता है, उतना ही ज्यादा हाहाकार करता है, मालकिन! मुझे लगता है कि मैं पूर्वजन्मों में भी बड़ा भोजनभट्ट रहा होऊँगा और मैंने कल रात की तरह अपनी मालकिन की जूठन खा रखी होगी!” “मुझे तो लगता है, चोंचू चौबे, कि संन्यासी रामदास के पीछे-पीछे भी जो तू तीर्थ-तीर्थ भटकता रहा, उसके पीछे भी जूठे फलों का लोभ ही रहा होगा! ईश्वर और मुक्ति की खोज नहीं| संन्यासी लोग ज्यादातर सिर्फ फलाहार ही करते हैं न!” “झूठ क्यों बोलूँ, ज्ञानेश्वरी! चूकता मैं महात्मा रामदास के जूठे फल खाने में भी नहीं, क्योंकि मैं जानता हूँ कि जूठा अन्न या फलाहार ग्रहण करने से नहीं, बल्कि विचार और चरित्र की जूठन खाने से पतन होता है|...मगर महात्मा रामदास को क्या कहूँ, कि जहाँ-जहाँ फलाहार करते थे, बाकी बचे हुए टुकड़े और छिलकों को गड्ढा खोदकर उसमें दबा देते थे|” -‘पुनर्जन्म के बाद’ से इस उपन्यासत्रयी में प्रसिद्ध साहित्य- कार शैलेश मटियानी के तीन लघु उपन्यास ‘डेरेवाले’, ‘दो बूँद जल’ तथा ‘पुनर्जन्म के बाद’ संकलित हैं| तीनों ही उपन्यास उनकी लेखन-शैली के अनुपम उदाहरण हैं| मनोरंजन से भरपूर और पाठक को सोचने पर मजबूर कर देनेवाली उपन्यासत्रयी|