₹250.00
MRPGenre
Print Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789382898528
Weight
265 Gram
तेज रफ्तार जिंदगी में लोगों को अपना वजूद बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है| जीवन की महत्त्वाकांक्षाएँ उफान पर हैं| माता-पिता की बच्चों से और बच्चों की माता-पिता से उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं| पारिवारिक रिश्तों में भावनात्मक सहयोग एवं प्यार की कमी आ गई है| पति-पत्नी के संबंधों में अहं आ गया है| सात जन्मों का रिश्ता सात दिनों का होने लगा है| तलाक की घटनाएँ बढ़ गई हैं| युवा वर्ग एवं किशोर दिग्भ्रमित हो रहे हैं| मानसिक तनाव एवं आत्महत्या की घटनाओं ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया है| भले ही हम इंटरनेट की दुनिया में जी रहे हैं, लेकिन व्यावहारिक दुनिया से कटते जा रहे हैं| नकारात्मक मनोभाव हमारे मन में घर करते जा रहे हैं| बच्चे, किशोर, युवा, बुजुर्ग सभी के व्यवहार में आक्रामकता आ गई है| धैर्य कम हो गया है| हर व्यक्ति किसी-न-किसी तरह मानसिक रूप से परेशान है| प्रस्तुत पुस्तक में इन बातों को ध्यान में रखकर सरल भाषा में बच्चों, किशोरों, युवा एवं बुजुर्ग को जागरूक करने की कोशिश की गई है कि वे खुद को इतना मजबूत रखें कि छोटी-छोटी परेशानियाँ उन्हें विचलित न कर सकें|
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