₹300.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
289 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2010
ISBN
817315614X
Weight
720 Gram
कल्पना और सपनों की दुनिया में घूमती, विचरती युवती मनोभूमि से कर्मभूमि में उतरती है| उसका विवाह होता है| इस कर्मभूमि में उस पर आँधी-पर-आँधी, तूफान-पर-तूफान आये| कर्मभूमि तपोभूमि बन गई| यहाँ से नारी का प्रवेश त्यागभूमि में होता है|
चम्पई साड़ी का लाम्बा लहराता पल्ला पति के साथ देहरी को लाँघकर घर में प्रविष्ट हुआ| यहाँ पर पल्ले से सिर ढक लिया गया| हलदी रंग की साड़ी में कत्थई रंग का चौड़ा पाट हो गया| साड़ी के रंग मारवाड़ के गुलाबी, नारंगी, सिंदूरी और लाल रंग हो गए| पल्ले से जो सिर ढका गया तो वह फिर ढका ही रहा|
0
out of 5