₹250.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
181 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788173155932
Weight
330 Gram
सरदार पटेल के राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनके बारे में समय-समय पर यह दुष्प्रचारित किया गया कि वे मुसलमान-विरोधी थे| किंतु वास्तविकता इसके विपरीत थी| उनपर यह आरोप लगाना न्यायसंगत नहीं होगा और इतिहास को झुठलाना होगा| सच्चाई यह थी कि हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ लाने के लिए सरदार पटेल ने हरसंभव प्रयास किए| इतिहास साक्षी है कि उन्होंने कई ऊँचे-ऊँचे पदों पर मुसलमानों की नियुक्ति की थी| वह देश की अंतर्बाह्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते थे और इस संबंध में किसी तरह का जोखिम लेना उचित नहीं समझते थे|
पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान (अब बँगलादेश) से भागकर आए शरणार्थियों के प्रति सरदार पटेल का दृष्टिकोण अत्यंत सहानुभूतिपूर्ण था| उन्होंने शरणार्थियों के पुनर्वास एवं उनकी सुरक्षा हेतु कोई कसर बाकी न रखी और हरसंभव आवश्यक कदम उठाए|
प्रस्तुत पुस्तक में मुसलमानों और शरणार्थियों के प्रति सरदार पटेल के स्पष्ट, व्यावहारिक एवं सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण को स्पष्ट किया गया है| इससे पता चलेगा कि किस प्रकार उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की सुरक्षा की|
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