Aam Aadmi Aur Loktantra (आम आदमी और लोकतंत्र)

By B. S. Shekhawat (भैरों सिंह शेखावत)

Aam Aadmi Aur Loktantra (आम आदमी और लोकतंत्र)

By B. S. Shekhawat (भैरों सिंह शेखावत)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

212 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2009

ISBN

8173155747

Weight

355 Gram

Description

अब हमें यह भी जान लेना चाहिए कि लोकतंत्र का पाँचवाँ स्तंभ भी है, जिसे गरीब आदमी कहा जाता है| यह स्तंभ ऐसा शक्‍तिशाली स्तंभ है, जो सत्ता को बदल डालता है| जनप्रतिनिधियों का कहना है कि चुनाव में विजय और पराजय यह सब तो चलता रहता है| कुछ कहते हैं, हम काम तो बहुत करते हैं, पर फिर भी हार जाते हैं| लेकिन उनके पराजित होने का कारण ही यही है कि जनता में एक वर्ग ऐसा है, जो यह मानता है कि यदि उसे प्रत्यक्ष में कोई लाभ होगा, उसकी गरीबी मिटेगी तभी उसे विश्‍वास होगा कि लोकतंत्र क्या है, कानून क्या है और प्रशासन क्या है| वह केवल भाषण से संतुष्‍ट नहीं होनेवाला है| वह संतुष्‍ट तभी होगा जब उसके पेट में प्रतिदिन आराम से दो रोटी पहुँच सकेगी| यदि वह संतुष्‍ट नहीं होगा तो असंतोष बढ़ेगा और यदि असंतोष बढ़ेगा तो लोकतंत्र के प्रति उसकी जो आस्था है, उसमें शनै:-शनै: कमी आती जाएगी-और जिस दिन ऐसे लोगों का संगठन बन गया तो कैसी स्थिति पैदा होगी, उसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है|
-इसी पुस्तक से


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