₹250.00
MRPGenre
Novels And Short Stories, Memoir And Biography
Print Length
174 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789380823805
Weight
330 Gram
मैंने अपने जीवन में जेल तो क्या, एक पुलिस स्टेशन भी अंदर से नहीं देखा था| और यहाँ गेट के दूसरी ओर, एक टूटे, झुके हुए फिलिपॉज की बाँह थामे मैं जेल की ऊँची दीवारों के बीच खड़ा था| “सुरेश, प्लीज मेरी मदद करो| आई एम सिंकिंग|” फिलिपॉज अपना संतुलन खो रहा था| मैंने तुरंत उसे सँभाला और शांत करने की कोशिश की| असहायता के उस पल में मैंने उसकी आँखों में जो भय देखा वो अब भी मेरे मन में अंकित है| मैं पानी के लिए चिल्लाया पर जेल कर्मचारियों में से किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया| उनके मन में किसी प्रकार की संवदेना या दया नहीं थी| हर चीज (शायद एक को छोड़कर) से निरपेक्ष वे अपने ही नियमों से चलते थे|
-इसी उपन्यास से
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