₹400.00
MRPGenre
Other
Print Length
159 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789382898696
Weight
310 Gram
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सामाजिक तथा आर्थिक उन्नति के शक्तिशाली साधन हैं | इन दोनों ने ही आज के विकसित देशों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है | औद्योगिक युग में ऊर्जा की उपलब्धि का अपना एक महत्त्वपूर्ण स्थान होता है | इसमें विद्युत् ऊर्जा को विकास का मेरुदंड कहा जा सकता है | विश्व स्तर पर नाभिकीय ऊर्जा के अनेकानेक उपयोग-बिजली निर्माण, रिएक्टर, चिकित्सा, कृषि, ऊर्जा, औद्योगिक क्षेत्र एवं वैश्लेषिक क्षेत्र इत्यादि में हो रहे हैं; जिनसे जनसाधारण को, विशेषत: चिकित्सा क्षेत्र में जटिल रोगों के निदान में, बहुत राहत मिली है | इसी नाभिकीय ऊर्जा का दूसरा उपयोग विध्वंसक रूप में परमाणु बम, हाइड्रोजन बम एवं अन्यान्य शक्तिशाली बमों के निर्माण में किया जाता है | अत: जनमानस को इसके बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है | प्रस्तुत पुस्तक ' नाभिकीय ऊर्जा ' में परमाणु ऊर्जा से जुड़े सभी संभाव्य पहलुओं-ऊर्जा संसाधनों का प्रादुर्भाव, नाभिकीय विखंडन, नाभिकीय रिएक्टर, बिजलीघर, रेडियो आइसोटोपों के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग, नाभिकीय ऊर्जा एवं पर्यावरण, परमाणु बम विस्फोट और उसके प्रभाव तथा नाभिकीय विकिरण से सुरक्षा के उपायों के बारे में सरल एवं सुबोध भाषा में जानकारी प्रदान की गई है | अनेक स्थानों पर दिए गए चित्र विषय को समझने में सरलता प्रदान करते हैं |
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