₹175.00
MRPGenre
Print Length
139 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789383110568
Weight
270 Gram
सूर्य ही पृथ्वी की समस्त ऊर्जाओं का स्रोत है | हवा सूर्य के कारण ही चलती है और पर्वतों पर जमी बर्फ सूर्य के ताप से ही पिघलती है, जिससे हमारी गंगा-यमुना जैसी नदियाँ गरमियों में भी नहीं सूखती हैं | मनुष्य ने सूर्य द्वारा दी जानेवाली ऊर्जा को उपयोगी बनाने के लिए अनेक उपकरण बनाए | एक ओर सूर्य से मिलनेवाले ताप से पानी गरम किया गया और उससे मशीनें आदि चलाई गईं तो दूसरी ओर उससे समुद्र के पानी को सुखाकर नमक तैयार किया गया | नवीन शोधों ने सूर्य के प्रकाश से सीधे बिजली पैदा करना सरल बना दिया | आज कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सिर्फ सौर ऊर्जा का ही उपयोग हो सकता है, जैसे-पृथ्वी का चक्कर लगा रहे उपग्रह, दूसरे ग्रहों पर जानेवाले यान इत्यादि | इसके अतिरिक्त दुर्गम और पहाड़ी इलाकों, समुद्र के बीच तेल खनन केंद्रों, छोटे निर्जन द्वीप आदि क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सौर ऊर्जा एकमात्र साधन वन सकता है या पवन ऊर्जा के साथ मिलकर विश्वसनीय और प्रभावी ऊर्जा स्रोत बन सकता है | प्रस्तुत पुस्तक में विद्वान् लेखक ने सौर ऊर्जा से संबंधित अनेक महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं | पुस्तक को पढ़कर पाठकगण लाभान्वित होंगे और सौर ऊर्जा संबंधी व्यापक जानकारी से स्वयं को समृद्ध कर सकेंगे | विद्यार्थियों, शिक्षकों, लेखकों, पत्रकारों, वैज्ञानिकों तथा आम पाठकों हेतु एक पठनीय और संग्रहणीय ग्रंथ |
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