₹200.00
MRPGenre
Print Length
235 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789380186115
Weight
285 Gram
जीवन क्या है? उसका क्या महत्त्व है? हाँ, जीवन एक अनोखी सृष्टि है, ईश्वर का उपहार है, प्रकृति की कृपा है, धरती की शान है| बिना जीवन के संसार नहीं है| यह जीवन ही है, जो संसार बनाता है| जीवन एकांत को सजीवता प्रदान करता है| जीवन पुष्प है, जिसका प्रेम मधु है, जो मानवता की सारी बीमारियों, गलतियों, चिंताओं और दु:खों का उपचार है| जीवन मधुर है, सत्य है, सार्थक है| विश्राम अवकाश-प्राप्ति है और अवकाश-प्राप्ति विश्राम है; किंतु कर्तव्य मनुष्य के जीवन की अंतिम साँसों तक साथ नहीं छोड़ता| यह कर्तव्य अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए करना पड़ता है| प्रस्तुत पुस्तक में अवकाश-प्राप्ति या रिटायरमेंट के बाद शेष जीवन को कैसे खुशहाल, नीरोग तथा जिंदादिल बनाए रखा जा सकता है-इस पर गहन विचार-मंथन कर अनेक उदाहरणों के माध्यम से सहज-सरल तरीकों को बताया गया है| इसके अध्ययन से सामाजिक, आर्थिक, भौतिक, आध्यात्मिक तथा पारिवारिक चिंताओं से मुक्त रहकर सुखमय जीवन का आनंद लिया जा सकता है| आशावादियों के लिए रिटायरमेंट-जीवन वरदान है और निराशावादियों के लिए अभिशाप| जीवन के चौथे प्रहर में जिंदगी को तरोताजा तथा खुशहाल बनाने में सहायक, मार्गदर्शक, प्रेरणादायी पुस्तक|
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