Apane Bheetar Ka Meghdoot (अपने भीतर मेघदूत)

By Amarendra Khatua (अमरेंद्र कटुआ)

Apane Bheetar Ka Meghdoot (अपने भीतर मेघदूत)

By Amarendra Khatua (अमरेंद्र कटुआ)

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Specifications

Genre

Self-Help

Print Length

112 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2012

ISBN

9789380823683

Weight

255 Gram

Description

‘आत्मा बेचारी कितनी गहराई में होती है
हाड़-मांस-चर्म की पोशाक पहन,
इंद्रियों का साम्राज्य बना
सामने की दुनिया में खुद को
प्रकट और नामित कर|’

‘याद रखो
जो सुख का है वह सबका है
जो दु:ख का है सिर्फ अपना है|’

‘वजह हो या न हो मेरी कविता में
मेरे समय के और बाद के
हर कवि की कविता के अणुओं और
परमाणुओं में
हो प्रचुर शक्‍ति|’

‘अपनी अंगिक असफलता समझने को
कवि के पास नहीं होते शब्द|’
‘अभव के इस चकित महापर्व से ही तो
जन्म लेते हैं हमारे अल्पायु संबंध|

‘इतनी गहरी यातना को
क्या घाव की तरह
नहीं पहना जा सकता
रोजाना की पोशाक के नीचे?’


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