₹175.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
128 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789380186337
Weight
260 Gram
आपने युग के अनुरूप ही मदिरा सेवन के विरुद्ध काव्यात्मक आवाज उठाई है| नशाबंदी में आपकी रचना विशेष रूप से प्रभावपूर्ण सिद्ध होगी| ‘मदांतकी’ में कला की मादकता तो है ही, मदिरा के विषाक्त प्रभाव पर भी विशेष रूप से आपने जोर दिया है| ऐसा उपदेश-युक्त काव्य अपना विशेष महत्त्व रखता है| --सुमित्रानंदन पंत आधुनिक समाज के लिए यह बहुत ही उपयोगी पुस्तक है| -आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ‘मदांतकी’ नामक आपकी पुस्तक की लोकप्रियता के लिए मेरी शुभकामनाएँ| -डॉ. हरिवंशराय ‘बच्चन’ नशाबंदी विभाग के लिए यह काफी उपयोगी होगी| आपकी रचना सोद्देश्य और मनोरंजक है| -डॉ. प्रभाकर माचवे आपने कई पहलुओं से, खासकर चिकित्सक के पहलू से, मदिरा पर बहुत अच्छा प्रकाश डाला है| यह रचना समय के अनुकूल है| इस रचना का हिंदी-जगत् में अच्छा स्वागत होना चाहिए| -वियोगी हरि
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