कुँवर विक्रमादित्य की कुछ कविताएँ मैंने पढ़ी हैं, वे भावनाशील कवि हैं, इनकी कविताओं में अनुभूति की गहराई के साथ-साथ सहज भाषा का सहज स्वरूप भी भावानुकूल हुआ है| इन्होंने जीवन के कई पक्षों पर गंभीरता से विचार किया है और एक चित्रकार के रूप में उन विचारों को नई वाणी प्रदान की है| इनका रचनाकार अभी साधनारत है और उसके विकास की अनेक संभावनाएँ हैं| इनकी कविताओं में जीवन के अनेक रंग दिखाई देते हैं| आगे चलकर ये कवि कुँवर विक्रमादित्य साहित्य के उच्च से उच्चतर शिखरों पर आरोहण करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है| मैं कवि के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूर्णतया आश्वस्त हूँ| -डॉ. गोपाल दास ‘नीरज’
Kuchh To Baki Raha Gaya (कुछ तो बाकी रह गया)
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₹
200.00
Condition: New
Isbn: 9789380183787
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels And Short Stories,
Publishing Date / Year: 2012
No of Pages: 119
Weight: 255 Gram
Total Price: ₹ 200.00
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