एक बार आप खुद को विस्तार देते हुए सही दिशा में कदम उठाएँ तो आपका जीवन स्वत: दिन-ब-दिन अधिक बड़ा, बेहतर और ऊँचा मुकाम पाता जाएगा| जैसा कि रॉबर्ट एच. शुलर ने कहा था-“एक बार शुरू होने के बाद सफलता कभी रुकती नहीं, क्योंकि सफलता अनंत है| यहाँ तक कि सूरज का डूबना बीते हुए दिन का अंत नहीं है, क्योंकि वह दिन अटल इतिहास का एक हिस्सा बनते हुए शाश्वत हो चुका है|” तो अपनी सफलता और अपने जीवन को वास्तव में आरंभ होने दीजिए; क्योंकि एक बार ऐसा होने पर वह कभी समाप्त नहीं होगा| जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपने आपको विकसित कीजिए| राह के हर रोड़े को अपनी सीढ़ी बना लीजिए| अगर आप गहराई से मनन करेंगे तो जानेंगे कि और कोई नहीं, बल्कि आप ही खुद को आगे धकेलते हैं और आप ही खुद को पीछे खींचते हैं| आपके जीवन और आपकी सफलता का दायित्व पूरी तरह आप पर है| जैसा कि कहा जाता है-‘एक पहाड़ और बड़ा नहीं हो सकता, लेकिन आप हो सकते हैं!’ इसलिए अपना विस्तार करें| अपने आपको किसी भी पहाड़ से बड़ा बनाएँ और अपने सपनों को साकार करें| विश्वास कीजिए, आप यह बखूबी कर सकते हैं|
Sapne Karo Sakaar (सपने करो साकार)
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₹
250.00
Condition: New
Isbn: 9788173158704
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Self-Help,
Publishing Date / Year: 2010
No of Pages: 190
Weight: 335 Gram
Total Price: ₹ 250.00
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