₹200.00
MRPGenre
Novels And Short Stories
Print Length
230 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2014
ISBN
9789386001733
Weight
390 Gram
शिक्षकों और बालकों पर पुस्तकें चाहे कम ही सही, परंतु लिखी गई हैं| माता-पिता या अभिभावक कैसे हों? इस विषय पर पहली बार ही कोई पुस्तक हिंदी साहित्य में प्रकाशित हुई है| मुझे पहल करने का गौरव प्राप्त हो रहा है| इस पुस्तक की शैली भी अनोखी है| अभिभावकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहा है| हर विषय के विशेषज्ञ उसमें अपने व्याख्यान दे रहे हैं| फिर शंका-समाधान के लिए प्रश्न एवं उत्तर की व्यवस्था से पुस्तक और अधिक सरल तथा सरस बन गई है|
माता-पिता अपने बच्चों की तथा परिवार की भलाई के लिए इस पुस्तक को अवश्य पढें़| इसमें ऐसा बहुत कुछ मिलेगा, जो माता-पिता बन जाने के बाद भी हमें पता नहीं है| हमें अपने दायित्व का बोध नहीं है| हम या तो बच्चों को मारते-डाँटते हैं या शिक्षकों को दोष देते रहते हैं| मेरा दावा है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद हम सच्चाई को समझेंगे, अपने कर्तव्य को जानेंगे, समझेंगे तथा निभाएँगे|
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