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Khandit Bharat (खंडित भारत)

Price: ₹ 800.00

Condition: New

Isbn: 9788173156793

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,

Publishing Date / Year: 2013

No of Pages: 222

Weight: 345 Gram

Total Price: 800.00

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आधुनिक भारत के मनीषी, तत्त्वज्ञानियों और चिंतकों में देशरत्‍न राजेंद्र प्रसाद का प्रथम स्थान है| परदु:खकातरता, त्याग और सेवा- भाव उनके स्वाभाविक गुण थे| भारत की एकता और अखंडता बनाए रखना उनके लिए अत्यंत महत्त्व की बात थी| सन् 1940 के लाहौर अधिवेशन में मुसलिम लीग ने जब देश के विभाजन का प्रस्ताव पारित किया तो यह गंभीर चिंता और चर्चा का विषय बन गया| अनेक प्रमुख व्यक्‍तियों ने इस पर अपने विचार एवं योजनाएँ प्रस्तुत कीं तथा अपने-अपने ढंग से इस समस्या के समाधान सुझाए| 1945 में इसी बात को ध्यान में रखकर राजेंद्र बाबू ने अंग्रेजी में पुस्तक लिखी-' इंडिया डिवाइडेड'; खंडित भारत उसी का हिंदी अनुवाद है| पाकिस्तान की माँग से संबद्ध उस समय तक प्रकाशित प्राय: संपूर्ण साहित्य के विस्तृत अध्ययन के बाद लिखी गई इस पुस्तक की मुख्य विशेषता है कि इसमें लेखक के विचार पाठकों पर आरोपित नहीं किए गए| तथ्यों, आँकड़ों, तालिकाओं, नक्‍‍शों और ग्राफों की सहायता से भारतीय प्रायदीप के विभाजन से संबंधित संपूर्ण सामग्री उपस्थित कर देश के बँटवारे के पक्ष-विपक्ष में इस प्रकार तर्क प्रस्तुत किए गए हैं कि पाकिस्तान की व्यवहार्यता अथवा अव्यवहार्यता के विषय में पाठक स्वयं अपनी राय बना सकें| विभाजन के समर्थकों एवं विरोधियों-दोनों के लिए ' खंडित भारत' एक आदर्श ग्रंथ माना गया| यद्यपि देश को विभाजित हुए साठ वर्ष से ऊपर बीत चुके हैं, इतिहासकारों की दृष्‍टि में आज भी यह पुस्तक महत्वपूर्ण है और प्रत्येक भारतीय के लिए पठनीय है