₹200.00
MRPGenre
Print Length
150 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2014
ISBN
9788177213102
Weight
315 Gram
जीवन को सुख-समृद्धि और मानसिक शांति के आलोक से अलंकृत करना प्रत्येक मनुष्य के जीवन का परम उरभीष्ट होता है | इस दृष्टि से मानव जीवन को प्रभावित करनेवाले अनेक पहलुओं का महत्त्व है | इन महत्त्वपूर्ण पहलुओं में ' वास्तु विज्ञान ' की स्वीकार्य भूमिका है | यह प्राच्य विद्या वस्तुत: विज्ञान है जिसके सिद्धांतों, नियमों एवं विश्लेषणों का वैज्ञानिक आधार है | वर्तमान युग में इसके महत्त्व को समझा गया है | वास्तु शास्त्र विज्ञान एवं ज्योतिष का अनुपम संगम है |
वास्तु शास्त्र के सिद्धांत और नियम जनसाधारण के जीवन में उपयोगी बनकर उनके जीवन को प्रगतिशील, समृद्धियुक्त एवं शांतिमय बना सकें, लेखक के इस लघु प्रयास का यही लक्ष्य है | विषय सामग्री सर्वग्राह्य बने, इस हेतु पुस्तक में सरलतम भाषा का प्रयोग किया गया हैं | दिशा एवं कोण वास्तु शास्त्र के अनिवार्य अंग हैं | समग्र भूमंडल की स्थिति का भौगोलिक ज्ञान भी इसी पर आधारित है | व्यक्ति का प्रत्यक्ष संबंध उसके अपने भूखंड से होता है, जिसपर वह अपना जीवन व्यतीत करता है | प्रस्तुत पुस्तक में इसी दृष्टि से भूखंड की मृदा, स्थिति, दिशा, कोण, क्षेत्रफल इत्यादि बिंदुओं का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है |
पुस्तक में स्थान-स्थान पर दिए गए चित्र विषय की रोचकता को बढ़ाते हैं और उसे और अधिक सुगम व सुग्राह्य बनाते हैं | विश्वास है, ' भारतीय वास्तु शास्त्र ' अपने इस स्वरूप में पाठकों को और भी पसंद आएगी |
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