₹450.00
MRPGenre
Other
Print Length
256 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788190734134
Weight
435 Gram
परमाणु युग की सर्वोच्च प्रगति के बावजूद आज भी मानवजाति को प्रकृति के प्रकोपों का भाजन बनना पड़ता है | यह प्रकोप प्राकृतिक आपदाओं के रूप में प्रकट होता है | वैज्ञानिक प्रगति के कारण इन आपदाओं का वैज्ञानिक अध्ययन संभव हुआ है? जिससे समय रहते चेतावनी दी जा सकती है और मनुष्य अपने जान- माल की तथा पशुओं की रक्षा कर सकता है | पर इतने उपायों के बावचूद प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना ही रहता है | इसलिए आवश्यक हो जाता है कि हर देश में इन आपदाओं का क्रमबद्ध अध्ययन प्रस्तुत किया जाए | प्रस्तुत पुस्तक में प्राकृतिक आपदाओं का परिचय और विभिन्न आपदाओं का विस्तृत एवं सचित्र विवरण सरल-सुबोध भाषा में प्रस्तुत किया गया है | हमें विश्वास है, यह पुस्तक छात्रों शोधार्थियों भूगोलवेत्ताओं के अलावा प्रत्येक नागरिक के लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी सिद्ध होगी |
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