₹250.00
MRPGenre
Other
Print Length
227 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789383110520
Weight
330 Gram
शिष्ट + आचार = शिष्टाचार- अर्थात् विनम्रतापूर्ण एवं शालीनतापूर्ण आचरण | शिष्टाचार वह आभूषण है जो मनुष्य को आदर व सम्मान दिलाता है | शिष्टाचार ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है, अन्यथा अशिष्ट मनुष्य तो पशु की श्रेणी में गिना जाता है | शिष्टाचार का हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है | कहने को तो शिष्टाचार की बातें छोटी-छोटी होती हैं, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण होती हैं | व्यक्ति अपने शिष्ट आचरण से सबका स्नेह और आदर पाता है | मानव होने के नाते प्रत्येक व्यक्ति को शिष्टाचार का आभूषण अवश्य धारण करना चाहिए | विद्वान् लेखक ने इस पुस्तक में शिष्टाचार के विविध पहलुओं पर गहराई से प्रकाश डाला है | इसमें घर में शिष्टाचार, मित्रों से शिष्टाचार, आस-पड़ोस में शिष्टाचार, उत्सव-समारोह में शिष्टाचार, खान-पान एवं मेजबानी के समय शिष्टाचार, बातचीत तथा पत्र-लेखन में शिष्टाचार आदि अनेक शीर्षकों के माध्यम से विषय को स्पष्टता के साथ समझाया गया है | आशा है, पाठकगण इस उपयोगी और प्रेरक पुस्तक का अध्ययन कर शिष्टाचार की आवश्यकता को समझकर, उसका अनुकरण व अनुसरण कर अपने जीवन को सुखमय एवं व्यक्तित्व को सफल-सार्थक बना सकेंगे |
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