सन् 1986 में भारत में जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने पहली मेडिक्लेम पॉलिसी जारी की| बाद में भारतीय जीवन बीमा निगम ने आशादीप, जीवन आशा, नवप्रभात नामक सीमित लाभ देनेवाली हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की योजना शुरू की| इनसे लोगों में अपने जीवन का बीमा करवाने की प्रवृत्ति शुरू हुई, साथ ही लोगों में स्वास्थ्य बीमा करने का भी चलन शुरू हुआ; और धीरे-धीरे ये सब खूब लोकप्रिय हो गए| इनसे जीते-जी स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सकीय व्यय से राहत मिलने लगी और मृत्योपरांत परिजनों को एक राशि, ताकि चले गए प्रियजन के बाद भी परिवार आसानी से चल सके| इस पुस्तक के विद्वान् लेखक का स्पष्ट विचार है कि स्वास्थ्य बीमा सिर्फ करों में छूट पाने के लिए न लें, वरन् उसे अपने जीवन की एक अनिवार्य सुविधा समझकर स्वीकारें| अपनी उम्र के अनुसार हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की प्लानिंग कैसे की जा सकती है, इसके बारे में विस्तृत जानकारी पुस्तक में है| साथ ही यह मेडिक्लेम का क्लेम प्रोसेसिंग, कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन, टी.पी.ए., अंडरराइटिंग आदि का मार्गदर्शन भी करती है| मेडिक्लेम तथा हैल्थ इंश्योरेंस की बारीकियाँ बताकर उपभोक्ता का अधिकाधिक हितसाधन करनेवाली लोकप्रिय पुस्तक|
Mediclaim Aur Swasthya Beema (मेडिक्लेम और स्वास्थ्य बीमा)
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200.00
Condition: New
Isbn: 9789380823775
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Other,
Publishing Date / Year: 2012
No of Pages: 135
Weight: 280 Gram
Total Price: ₹ 200.00
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