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MRPGenre
Novels And Short Stories, Business And Management
Print Length
468 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2008
ISBN
9789350480311
Weight
610 Gram
जगुआर लैंड रोवर तथा कोरस स्टील समेत कई हाई प्रोफाइल अधिग्रहणों की श्रृंखला और विश्व की 1 लाख रुपए की पहली कार 'नैनो’ के लॉञ्च होने से भारत का सबसे पुराना और सर्वाधिक सम्मानित कॉरपोरेट ब्रांड हमारी विचारधारा बदलने को तैयार है| इस्पात, चाय, रसायन, संचार और सॉफ्टवेयर समेत तमाम क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति के साथ टाटा अब वल्र्ड ब्रांड वैल्यूएशन लीग* में 65वें नंबर पर आ गया है और अब सच्चे अर्थों में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनने के कगार पर है| लेकिन असल में टाटा ब्रांड क्या है? इसके मूल्य क्या हैं? भारत और विश्व में लोगों की इसके बारे में क्या राय है? इस रोचक और सूचनाप्रद पुस्तक में मॉर्गन विट्ज़ेल ने टाटा इंटरप्राइजेज की तह में जाने की कोशिश की है| इसके आरंभ, प्रतिष्ठा और छवि के विकास तथा इस छवि के शक्तिशाली एवं मूल्यवान ब्रांड में रूपांतरण के बारे में बताया गया है| 'टाटा : एक कॉरपोरेट ब्रांड का विकास' टाटा के मानदंडों की तह तक जाती है और टाटा समूह तथा भारतीय जनता के बीच उन अद्वितीय संबंधों की तलाश करती है, जो सफल कारोबार की उपलब्धियों से लेकर इसके कर्मचारियों के लिए तथा उससे भी आगे समाज के लिए योगदान तक जाते हैं| अंत में, यह पुस्तक सवाल भी करती है कि टाटा के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतरने से इसकी प्रतिष्ठा को किस रूप में देखा-समझा जाएगा| चाहे आप उद्यमी हों, मैनेजर हों, मार्केटर हों या टाटा के निष्ठावान सदस्य, यह पुस्तक आप सभी को इस ब्रांड के टिकाऊपन को समझने में मदद करेगी और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में इसके मूल्यों से आपको प्रेरित करेगी| स्रोत : मार्च 2010 में प्रकाशित ब्रांड फाइनेंस ग्लोबल 500 की रिपोर्ट
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