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Main Tilak Bol Raha Hoon (मैं तिलक बोल रहा हूं)

Price: ₹ 95.00

Condition: New

Isbn: 9789350480793

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Novels And Short Stories,Memoir And Biography,History,

Publishing Date / Year: 2007

No of Pages: 220

Weight: 360 Gram

Total Price: 95.00

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भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बालगंगाधर तिलक एक संघर्षशील राजनेता थे| उन्होंने मृतप्राय भारतीय समाज को संघर्ष करने की प्रेरणा दी| इस संघर्ष से एक नए समाज का उदय हुआ, एक नए युग का आरंभ हुआ| स्वराज्य उनके लिए धर्म था, स्वराज्य उनके लिए जीवन था| स्वदेशी आंदोलन के लिए उन्होंने गणपति महोत्सव शुरू किया, भारतीयों को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए तैयार किया| कोरे आदर्शवाद से लोकमान्य का संपर्क नहीं था| उन्होंने व्यावहारिक विषयों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण से चिंतन किया| उनका चिंतन उनके कार्यों का आधार बना| लोकमान्य तिलक तत्कालीन शिक्षा-प्रणाली से पूर्णत: असंतुष्ट थे| तिलक चाहते थे कि हमारी शिक्षा-प्रणाली स्वतंत्र देश के समान हो| उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा दिए जाने पर जोर दिया| तिलक अपने तेज से एक पूरे युग को नई आभा से मंडित कर गए| उन्होंने भारत के स्वतंत्रता-आंदोलन को केवल प्रेरणा ही नहीं दी, वरन् संघर्ष करने की एक निश्चित योजना भी दी| ऐसे अमर साधक, कर्मयोगी, राष्ट्ररक्षक और सत्य के प्रतिपालक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की विचारधारा से अपने देश की युवा पीढ़ी को परिचित कराने और प्रेरित करने का मंगलकारी संकल्प लेकर तैयार किया गया प्रस्तुत संकलन युवा पीढ़ी को समर्पित है|