₹250.00
MRPGenre
Print Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2015
ISBN
9789383111268
Weight
310 Gram
क्या ऐसी कोई विधि हो सकती है, जिसमें आंतरिक व सामाजिक दोनों स्तरों पर सफलता पाई जा सकती है? इसी विधि को लिपिबद्ध करने का विनम्र प्रयास है यह पुस्तक-गढें अपना जीवन| व्यक्तित्व विकास के समग्र आयामों को इसमें संकलित किया गया है| यह पुस्तक व्यक्तित्व के पूर्ण विकास की मार्गदर्शिका बनाने का एक प्रयास है| चरित्र का गठन हो गया तो चरितार्थ की चिंता नहीं रहेगी| पद, पैसा और प्रतिष्ठा स्वयं ऐसे सार्थक व्यक्तित्व के पीछे भागेंगे| ‘गढें अपना जीवन’ केवल कुछ युक्तियाँ नहीं हैं, यह एक वैज्ञानिक विधि है| इस पुस्तक में जीवन को सार्थक बनाने का जो तंत्र सुझाया है, वह भी समय की कसौटी पर बार-बार परखा हुआ है| यह विधि-समस्त शिक्षा पद्धति का आधार बननी चाहिए| जैसा इस पुण्यभू भारत में समय-समय पर होता रहा है, चरित्र-निर्माण एक सामान्य जीवन-प्रक्रिया बन जाए| उदात्त चरित्र के लोग अपवाद में नहीं, अपितु समाज का प्रत्येक व्यक्ति ही उदात्त चरित्र का बने| यह पुस्तक उन तत्त्वों व उनके व्यावहारिक प्रयोग को बताने का विनम्र प्रयास है, जो ऐसे आदर्श समाज-रचना का आधार बने|
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