रांगेय राघव हिन्दी के उन प्रतिभाशाली लेखकों में से हैं जिन्होंने साहित्य के विविध अंगों की समृद्धि के लिए अपनी कुशल लेखनी से अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्धों का सृजन किया । उनकी कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना तथा इतिहास आदि विषयक अनेक उपादेय कृतियां इस कथन की साती हैं । मूलत: दाक्षिणात्य होते हुए भी उन्होंने जिस जागरूक प्रतिभा, योग्यता तथा कुशलता से हिन्दी साहित्य के बी-वर्द्धन मेँ अपना अविस्मरणीय योगदान दिवा, वह इतिहास के पम्मी में दर्ज हैl 'कब तक पुकारूँ' यह रांगेय राघव जी की प्रतिभा और लेखन-क्षमता को अभिषिक्त करनेवाली जीवंत औपन्यासिक रचना है। इसमे उन्होंने समाज के सर्वथा उपेक्षित उस वर्ग का चित्रण अत्यंत सरल और रोचक शैली में प्रस्तुत किया है जिसे सभ्य समाज 'नट' या 'करनट' कहकर पुकारता है। इस पुस्तक की गणना हिंदी के कालजयी साहित्य में की जाती है
Kab Tak Pukaarun (कब तक पुकारूँ)
Author: Rangey Raghav (रांगेय राघव)
Price:
₹
250.00
Condition: New
Isbn: 9789350640357
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,Memoir & Biography,
Publishing Date / Year: 2012
No of Pages: 440
Weight: 555 Gram
Total Price: ₹ 250.00
Reviews
There are no reviews yet.