₹195.00
MRPGenre
Novels & Short Stories, Memoir & Biography
Print Length
268 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170284703
Weight
295 Gram
द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूरर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्राय: छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट लक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण वे इसके साथ न्याय करने में पूर्ण स्थान हुई हैं। डॉ. प्रतिभा राय उडिया की अग्रणी लेखिका हैं जिनके अनेक उपन्यास प्रकाशित होकर लोकप्रिय हो चुके हैं। उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं, फिल्मे बनी है तथा कई कृतियां हिन्दी में भी आमने आ चुकी हैं। कृष्ण समर्पित तथा पांच पांडवों से ब्याही द्रोपदी का जीवन अनेक दिशाओं में विभवत्त है है फिर भी उसका व्यक्तित्व बँटत्ता नहीं, टूटता नहीं, वह एक ऐसी इकाई के रूप में निरन्तर जीती है जो तत्कालीन घटनाचक्र क्रो अनेक विशिष्ट आयाम देने में समर्थ है। नारी-मन की वास्तविक पीडा, सुख-दुख और व्यक्तिगत अन्तर्संबंधों की जटिलता को गहराई से पकड़ पाना, इस उपन्यास की विशेषता है।
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