₹250.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
248 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170280064
Weight
370 Gram
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर का चर्चित उपन्यास ‘खंजन नयन’ महाकवि सूरदास के गरिमामय जीवन की सार्थक प्रस्तुति है। नागर जी ने अपने उपन्यास ‘मानस का हंस’ में तुलसीदास की जीवन-गाथा को उपन्यास के रूप में प्रस्तुत किया था-उसी क्रम में सूरदास के जीवन के विभिन्न पश्रों का चित्रण इस कृति के माध्यम से किया गया है। सूरदास के व्यक्तित्व को नागर जी ने तीन स्तरों पर प्रस्तुत किया है-तल, अतल और सुतल। नागर जी ने भी महाकवि को सूरज, सूरस्वामी, सूरश्याम, सूरदास अनेक रूप दिये हैं। और अन्त में जहाँ ये तीनों रूप समरस होते हैं वहाँ सूरदास राधामय हो जाते है। डेढ़ वर्ष की साधना के पश्चात् नागर जी ने महाकवि की निर्माण-स्थली परासौली में बैठकर यह उपन्यास पूरा किया था। उनकी निष्ठा, श्रृद्धा, सूर के प्रति समर्पण के दर्शन इस उपन्यास के माध्यम से पाठकों को अवश्य होंगे।
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