‘भारत की माटी मेरी स्वर्ग है, ‘भारत का कल्याण ही मेरा कल्याण है’ फेंक दे यह शंख बजाना, छोड़ दे प्रशस्ति गान करना यदि तेरे पास दो वक्त की रोटी न हो’ -ये शब्द उस तेजस्वी संन्यासी के हैं जो हमारी सांस्कृतिक तथा राजनीतिक स्वाधीनता के जनक थेl भारतीय नवजागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानन्द के विलक्षण प्रभावी जीवन पर आधारित सांस्कृतिक उपन्यासl
Vivekanand (विवेकानन्द)
Price:
₹
210.00
Condition: New
Isbn: 9788170284284
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Novels & Short Stories,Memoir & Biography,
Publishing Date / Year: 2015
No of Pages: 268
Weight: 295 Gram
Total Price: ₹ 210.00
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