₹165.00
MRPGenre
Print Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9789350641804
Weight
180 Gram
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर की यह कृति "गदर के फूल' सत्तावनी कान्ति संबंधी स्मृतियों और किंवदंतियों का प्रामाणिक दस्तावेज है । भारत की स्वतंत्रता के लिए 1857 में कान्ति की एक चिंगारी भड़की थी जिसे अंग्रेजों ने गदर' का नाम दिया था । उस काल के व्यक्ति अब छीजते जा रहे हैं । उन्ही स्मृतियों को नागर जी ने इस पुस्तक में संजोया है । अवध में घूम-घूमकर, उस काल के प्रत्यक्षदर्शी लोगों के संस्मरणों के माध्यम से तथा अन्य उपलब्ध ऐतिहासिक प्रमाणों को आधार बनाकर नागर जी ने इस पुस्तक की सामग्री का संख्या किया है ।
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